हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बहरैन के वरिष्ठ आलिमे दीन शेख ईसा अहमद क़ासिम ने अपने एक बयान में रहबर-ए-इन्क़िलाब-ए-इस्लामी हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई को क़ुरआनी अज़मत की निशानी और इस दौर के एक अद्वितीय रहनुमा के तौर पर याद किया।
उन्होंने कहा,आपकी बड़ी तबलीग़ी हैसियत और उम्मत-ए-मुस्लिमा को ताक़त बख़्शना, दरअसल क़ुरआन से आपकी सच्ची वफ़ादारी और इख़लास से भरपूर क़ियादत का आईना है, जो इस्लाम की ताक़त पर यक़ीन से पैदा होती है।
शेख ईसा क़ासिम ने कहा,हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई जैसी अज़ीम शख्सियत के ख़िलाफ़ कोई भी तौहीनआमेज़ लफ़्ज़ या किसी भी तरह की धमकी, पूरी उम्मत-ए-मुस्लिमा, उसके मुक़द्दसात और फ़िक्ह-ए-मुक़द्दस के मर्तबे की तौहीन के बराबर है।
आख़िर में उन्होंने कहा,ट्रंप की तरफ़ से इस बुलंद मर्तबे वाली शख्सियत को धमकी देना और तौहीन करना, सरासर जहालत, हिमाक़त और हालात व अंजामात की ग़लत समझ का सबूत है।यह पूरी इस्लामी उम्मत और हमारे तमाम मुक़द्दसात की तौहीन है, जो उम्मत-ए-मुस्लिमा पर एक भारी ज़िम्मेदारी डालती है।
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